वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा और राज्यसभा से पास हो चुका है, लेकिन विपक्षी दलों द्वारा इस बिल का विरोध लगातार जारी है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इस बिल को लेकर कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो वे इसे कूड़ेदान में फेंक देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा चुनाव तक नीतीश कुमार को अपने साथ रखेगी, लेकिन बिहार की जनता और वे खुद जानते हैं कि उसके बाद उनका क्या होगा।

तेजस्वी यादव ने भाजपा पर संविधान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा हमेशा विभिन्न वर्गों को निशाना बनाकर संविधान पर कुठाराघात करती है। उनका कहना था कि वक्फ संशोधन विधेयक संविधान के खिलाफ है, और भाजपा की सरकार इस तरह के प्रयासों के जरिए लोगों का ध्यान असल मुद्दों जैसे गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पलायन, शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली से भटकाने की कोशिश करती है, ताकि NDA का ध्रुवीकरण के खेल में फायदा हो सके।
वक्फ बिल पर जेडीयू में खींचतान
वक्फ बिल को लोकसभा और राज्यसभा से मंजूरी मिलने के बाद विभिन्न दलों की प्रतिक्रिया अलग-अलग रही है। जेडीयू ने संसद में इस बिल का समर्थन किया था, लेकिन पार्टी के मुस्लिम नेता इससे नाराज हैं। इस विवाद के चलते जेडीयू के 5 नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है।
कांग्रेस और AIMIM ने वक्फ बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी
कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने कहा कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 15, 25, 26 और 29 का उल्लंघन करता है। उन्होंने बताया कि वक्फ संपत्तियां दरगाहों और मस्जिदों के लिए हैं, और इसे ‘खाली जमीन’ कहना भ्रामक है। उन्होंने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने को एक वैध कदम बताया है, और कहा कि लोग कानूनी रूप से इस लड़ाई में शामिल होंगे।
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